केदारनाथ सिंह स्मरण

#समीक्षित #प्रियकवि_केदारनाथसिंह ''मैं क्यों और कैसे लिखता हूं इसका कोई सीधा उत्तर मेरे पास नहीं है बस इतना जानता हूं कि मेरे लिखने की यात्रा मेरे बोलने से शुरू होती है मैं बोलता हूं इसलिए लिखता हूं ।'' × × × '' कविताएं किसी व्यक्ति पर नहीं समय पर लिखी जाती हैं '' × × × #समीक्षित #प्रियकवि_केदारनाथसिंह ''मैं क्यों और कैसे लिखता हूं इसका कोई सीधा उत्तर मेरे पास नहीं है बस इतना जानता हूं कि मेरे लिखने की यात्रा मेरे बोलने से शुरू होती है मैं बोलता हूं इसलिए लिखता हूं ।'' × × × '' कविताएं किसी व्यक्ति पर नहीं समय पर लिखी जाती हैं '' × × × उसका हाथ अपने हाथ में लेते हुए मैंने सोचा दुनिया को हाथ की तरह गर्म हो सुंदर होना चाहिए ❤❤🌷 × × ...