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Showing posts from January, 2019

एक प्रेमगीत

याद तुम्हारी जब-जब आई तब-तब मैंने गीत लिखा । तेरी  यादें  छुपाके  मैंने  , रखी  है  इन गीतों  में , बहुत सी बातें,फरियादें हैं  बचा के  रखी गीतों में , तुम्हें सोच कर जब-जब मैंने ...

मुक्तक

अधर की  सांकलें  मन के  करों से  खोल देती  तुम स्वरों के मधु को इस  मादक पवन में घोल देती तुम , कि मैं उलझा था उलझन में सो तुमको देख ना पाया जो  देखा था मुझे तुमने__तो कुछ तो बोल दे...