मैं शहर छोड़ना चाहता हूँ

'' मैं चाहता हूं कि ये शहर छोड़ दूं ''- माधव ने कहा और मैंने अनसुना करने की कोशिश की ।

'' तुम्हारा क्या ख्याल है ?''- वह जवाब चाहता था । 

'' किस बारे में ? ''-  मैंने उसे सवाल को बदलने का एक मौका सा दिया ।

'' मैं शहर छोड़ना चाहता हूं ''- माधव ने सवाल नहीं बदला ।

'' कहां जाओगे फिर ?''- सवाल वाजिब था । माधव की ख़ामोशी ने उसकी तरफ से जवाब दिया । मैंने कहना जारी रखा - ''शहर बदलना_ व्हाट्सएप की डीपी बदलने जैसा नहीं है ,,, कि मूड ऑफ हुआ और ब्लैक कर दी । तुम शहर छोड़ दोगे पर क्या ये शहर तुम को छोड़ देगा ? बी लॉजिकल ।'' 

'' भक् साला लॉजिक ! हमको लॉजिक समझा रहे हो ? लॉजिक समझाना है तो उसे समझाओ ! पूछो जाकर उससे कि मेरे साथ रात मे चौराहों में टहलने का क्या लॉजिक था ? कैफ़े में एक कॉफ़ी  के सहारे दो लोगों के बैठे रहने का क्या लॉजिक था ? रात के पौने दो बजे वीडियो कॉल में - ''गिटार सुनना है'' कह देना कौन सा लॉजिक है ? बताना भाई ! बता मुझे ! उसने गिटार की धुन सुनी और मैंने घर वालों और पड़ोसियों की गालियाँ... कोई लॉजिक है इसके पीछे ?  लॉजिक समझाते हो हमे ! ये जो दिल है ना यहाँ पर ,,,इसके धड़कने में भले ही कोई लॉजिक हो पर जो हरकतें ये हमसे करवाता है न , उनके पीछे कतई लॉजिक नहीं होता ,,, हो भी नहीं सकता और होना भी नहीं चाहिए ।  परसो अभिराज का फोन आया ,,,कैफ़े बुला रहा था,  मैं नहीं जा पाया । उन जगहों को कैसे फ़ेस करूं जहां एक की मौजूदगी दूसरे के होने का सुबूत थी । नहीं जाया जाता मुझसे। क्या करूं अब ? बताओ यार ! लॉजिक 🔔 !!-  आगे की सारी बातें माधव की आंखों में भर आई । 

'' तो क्या शहर छोड देने से सब सही हो जाएगा ? फिर कभी तुम कभी यहॉ नहीं आओगे? या फिर कभी कैफ़े के सामने से नहीं गुजरोगे. . . . फिर कहाँ-कहाँ नहीं जाओगे ? और आख़िर शहर छोड़कर जाओगे कहाँ ? ''

'' कहीं भी । दुनिया बहुत बड़ी है ।''- माधव ज़मीन में कुछ ढूंढ रहा था ।

'' जब खुद से ही छिपना हो तो दुनिया अचानक से छोटी हो जाती है।''-  मैं शायद माधव की मायूसी को नहीं  समझ सकता ।

'' मैं जिंदगी भर के लिए नहीं जा रहा ... जा भी नहीं सकता । बस. . . कुछ दिन , कुछ महीने , कुछ साल या पता नहीं पर बस फ़िलहाल दूर जाना है।  मुझे ले चलो कहीं इस शहर से दूर ।  यार!! ''- कहते-कहते माधव ने चेहरा घुमा लिया। 

शायद माधव को ऐसा लगता है कि चेहरा घुमा लेने से आंसू नहीं दिखते ।🌺🍁🍁

हमको  झूठा  सा वादा ही दे जाते
जाना था तो इक बोसा ही दे जाते

- Shivam Saagar 🍁🌺

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