माधव_और_संवेदना
#समीक्षित
दुनिया भी एक झटके में खत्म हो जाएगी... बिना कोई दूसरा मौका दिए ।
हमने कहा था एक दूसरे से कि ''शाम को फोन करेंगे।'' ... हालांकि यह कोई वादा नहीं था, पर फिर भी एक भरोसे का प्रतीक तो था ही यह कहना कि 'फोन करेंगे'। __ मतलब हमारे बीच अभी कुछ ऐसा है जिस पर बात की जा सकती है... कुछ ऐसा है जो हमारे नंबर्स को एक दूसरे के कॉल लॉग्स में ऊपर उठा सकता है। पर पहल कैसे की जाए? और होता है इंतजार कि सामने वाला करें कोई शुरुआत.... और कोई फोन नहीं आता। फोन का मौन व्रत लगातार जारी रहता है। 😕
माधव ने एक बार मुझसे इस बात का जिक्र किया था कि इन दिनों संवेदना से बात नहीं हो पा रही है ठीक से। आज भी उसने '' पापा आ गए हैं'' बोल कर फोन रख दिया।__ इस बात को लगभग 5- 6 महीने बीत चुके हैं और लगातार 'पापा आ गए हैं' , 'मम्मी बुला रही है' का जो नतीजा निकला वह बताने की जरूरत नहीं। माधव कितना बेचैन है,,, नहीं बता सकता_ पर शायद इतना बेचैन मैं कभी नहीं हुआ था स्नेहा के लिए क्योंकि मैं और स्नेहा कभी एक रिश्ता बना ही नहीं पाए। और वो जो रिश्ते जैसा बना भी #उसमें_केवल_मैं_था __ अपने अरमान और ख्वाहिशों के साथ__ जिन को बयां करने तक की मनाही थी। उस रिश्ते का सारा दारोमदार केवल मेरे कंधों पर था। स्नेहा ने उस में कोई हिस्सेदारी नहीं चाही । मैं मिलने के लिए प्लान बना था और वह आखरी मोमेंट पर 'आ नहीं पाऊंगी' कह देती। मैं गानों की रिकॉर्डिंग भेजता और वो कोई रिप्लाई नहीं देती ,,, मैं उस की डीपी तक सेव करता और वो फोटो पर लाइक भी ना करती थी ।😐
_....और फिर आज सुबह ही मैंने तय कर लिया कि मैं भी नहीं रहूंगा इस रिश्ते में ।
उसकी 459 तस्वीरें , 257 कॉल रिकॉर्डिंग .... 16 दिसंबर 2015 से लेकर 5 सितंबर 2019 तक की व्हाट्सएप चैटिंग__ सब कुछ मौजूद था अभी 10 मिनट पहले तक। और बस कुछ क्लिक्स मे सब मिट गया _ गुम गया। हमेशा-हमेशा के लिए बिना वक्त लगाए... बिना किसी झिझक के।
#यकीनन पूरी दुनिया भी इसी तरह झटके में खत्म हो जाएगी किसी दिन। बिना कोई दूसरा मौका दिए। 😑😑
तहरीरो गुफ्तगू में किसे ढूंढते हैं लोग
तस्वीर में भी शक्ल हमारी ना आएगी
- बशीर बद्र।🌷
#माधव_और_संवेदना
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