मुझको अपना प्यार बना लो

मुझको अपना प्यार बना लो ।

खूब  संवरने  सजने  वाली
नित नित रूप बदलने वाली
सरगम सुनकर जगने वाली
पारिजात सी खिलने  वाली
                   मेरे अंगने में आकर के
                   तुम कोई त्यौहार मना लो ।
मुझको अपना प्यार बना लो ।


सूरज होकर  छिपने वाली
बनकर चांद चमकने वाली
नॉवल लेकर चलने  वाली
पन्ने महज  पलटने  वाली
                    खुद को थोड़ा खर्च करो और
                    तुम मुझ पर अधिकार कमा लो ।
मुझको अपना प्यार बना लो ।

शिवम् सागर ।

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