परिवर्तन ☺
परिवर्तन निश्चित है ।
परिवर्तन निरंतर है ।
परिवर्तन सतत है ।
एक तरह से परिवर्तन देवता है ।
सर्वविदित है कि परिवर्तन आता है पर किस दरवाजे से किन चौखटों को लांघ कर..... यह पता नहीं , दरवाजे से आता भी है या कि कूद आता है छज्जों और खिड़कियों से ....ज्ञात नहीं किसी को भी । अतः कह सकते हैं कि परिवर्तन निराकार है ।
परिवर्तन विश्लेषण है । परिवर्तन निरूपण है ...नवीनता का । परिवर्तन शत्रु है... पुरातनता का । परिवर्तन संहार करता है । परिवर्तन सर्जन के अवसर देता है । इस मायने में परिवर्तन शिव है ।
परिवर्तन शिव है ... और जहां शिव है शक्ति भी वही है ; क्योंकि परिवर्तन जैसा कल्याणकारी कार्य बिना सबलता के संभव नहीं ।
अगर कोई पूछे कि ''क्या सारे परिवर्तन सही है ?'' तो मैं कहूंगा कि जब परिवर्तन होने को परिवर्तित नहीं किया जा सकता तो उसे गलत क्यों माना जाए ; हां कुछ परिवर्तन निराशाजनक होते हैं निश्चित रूप से.. परंतु इसमें भी (जहां तक मेरा मानना है) कारण यह है कि मनुष्य का मस्तिष्क स्थायित्व अधिक पसंद करता है । वह सालों साल... असीमित काल तक जो जहां जैसा है उसे वहां वैसा ही पाना चाहता है । कहा जाना चाहिए कि परिवर्तन मोह का विखंडन है ।
परिवर्तन पीड़ा है । परिवर्तन विछोह है । परिवर्तन प्रतीक्षा है । हालांकि परिवर्तन विश्वास भी है ... भरोसा भी है... जैसे 'वो' करती हैं मुझ पर इस चाहत के साथ कि मैं ताउम्र बना रहूंगा आज के जैसा.. और मैं उसे यकीन भी दिलाता हूं इस बाबत... यह जानते हुए भी कि यह मुमकिन नहीं किसी भी सूरत में .....और तब तो बिल्कुल भी नहीं जब 'वो' खुद हो रही हूं परिवर्तित हर रोज... थोड़ा सा ।
न जाने क्यों मै अब ये भी लिख रहा हूं कि परिवर्तन प्रेम है ❤।
शिवम् सागर ।
परिवर्तन एक दर्द है, लेकिन ऐसा दर्द है,
ReplyDeleteजिसका फल परिवर्तन पूरा होने के बाद मिलता है। किसी को मीठा तो किसी को कडवा लगता।
अपितु उसका सुख उस मनुष्य को मिले या ना, लेकिन परिवर्तन होना नितांत आवश्यक है।
परिवर्तन के बिना मनुष्य का विकास सम्भव नहीं,
सत्य मित्र ... और हॉ मै आपकी भाषा का भी प्रशंसक बन रहा हूं😊❤
ReplyDeleteTerrific lines bro.... Even I totally agree with ur last point... Love is changing.....👌👌👌
ReplyDeleteTerrific lines bro.... Even I totally agree with ur last point... Love is changing.....👌👌👌
ReplyDeleteशुक्रिया महोदय 😊
Deleteवास्तव मे परिवर्तन अपनी सत्ता सब क्षेत्रों में भले ही वे भावात्मक हो फैला चुका है ।
परिवर्तन से ही तो सब है।
ReplyDeleteआभार 😊😊
Deleteअत्यंत मनमोहक वर्णन...salute✌️
ReplyDeleteHkv